Tuesday, May 24, 2011

एक कतरा तेरे दिल का उसने छुपा रखा है..

एक कतरा तेरे दिल का  ...उसने छुपा रखा है
उम्मीद में तेरे आने की ...खुद को बचा रखा है

बेशक दूर हो तुम .........उसके गुलशन से 
तेरे लिए ही तो .......उसको  सजा रखा है

कोई पूछता ही नहीं ..हाले-ऐ-दिल उसका 
नाम जो दीवाना .....उसने  बता रखा है

कोई भी गुज़रे ......अब उन  गलियों से  
घर का दरवाजा... उसने खुला रखा है

आएगा कोई तो मुसाफिर,जो खुश हो जाएगा
खिलौना ख्वाबों का .........उसने बना रखा है 

फिर से न कोई ....आ जाए दिल की राहों में
उसने हर महफ़िल से ..खुद को जुदा रखा है

एक कतरा तेरे दिल का  उसने छुपा रखा है...
















































6 comments:

  1. bahut khoobsurat ahsason se yukt gazal .badhai .

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  2. bhut hi khubsurat aur pyari gazal hai...

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  3. कोई पूछता ही नहीं, हाले-ऐ-दिल उसका
    नाम जो दीवाना, उसने बता रखा है

    वाह बहुत ही खूबसूरत ग़ज़ल...

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  4. shikha ji,sushma ji,shah nawaz ji,sanjay ji,anupama ji
    aapke sneh ka bahut aabhaari hoon
    saadar

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