Wednesday, May 11, 2011

वो रंग-बिरंगे बुलबुले!

साबुन के फेन से
बने  ,

वो रंग-बिरंगे 
बुलबुले
स्पर्श मात्र से ही 
अस्तित्व हीन हो जाते हैं ...

जो ऊपर से दिखे 
वो अन्दर नहीं होता ...

कोई मनमोहक बुलबुला 
कभी मोती नहीं होता!


इस रंग बिरंगे
दुनिया में 
बहुत रंग हैं,

जो भीतर से 
मज़बूत होते हैं 
वो ही चमकते हैं अनवरत 
इस दुनिया में ,

बस 
एक रौशनी चाहिए 
जो
उसे ढूंढ ले!








1 comment:

  1. एक बेहतरीन कविता के लिए बधाई

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