Friday, August 26, 2011

मेरा आखिरी पैगाम ले ले!!


ए जाने वाले जाने से पहले 
मेरा आखिरी सलाम तो ले ले ..

ये वक़्त घुल न जाए सीने में मधु बनकर 
याद आयेंगे तुझे हर सांझ हर सुबह ये मंज़र... 


हम भी काफिर सा नहीं सोचेंगे खुद को कभी 
तू भी सुकून से रहेगी ,ए मेरी ज़िन्दगी ...

जुदाई तो बस ज़िन्दगी की  एक शुरुआत है  
आज तो जी भर के जी ले इसे 
ये मिलन है ,तू समझ न  मेरी जाना ..
ये  हमारे रूह की बात है ...

है पाक ये  दिल ,तू है इसकी धड़कन 
ज़िन्दगी में होंगे तेरे संग , मेरे गीतों  के सरगम   
पर आज तो जाना  मेरा   
आखिरी पैगाम ले ले ...

मेरा आखिरी पैगाम ले ले ....

13 comments:

  1. बहुत सुंदर भावाव्यक्ति , बधाई

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  2. जुदाई तो बस ज़िन्दगी की एक शुरुआत है
    bilkul sateek kathhan hai ye .badhai .

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  3. bhut hi sunder bhaavo se rachi rachna...

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  4. बेहद खूबसूरत रचना
    ...


    हंसी के फव्‍वारे-
    http://hansikefavare.blogspot.com/
    by Ruchika

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  5. सुन्दर प्रस्तुति----------


    जुदाई तो बस ज़िन्दगी की एक शुरुआत है
    आज तो जी भर के जी ले इसे
    ये मिलन है ,तू समझ न मेरी जाना ..
    ये हमारे रूह की बात है ...



    बहुत खूब

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  6. खुबसुरत एहसास है। आभार।

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  7. जुदाई तो बस ज़िन्दगी की एक शुरुआत है
    आज तो जी भर के जी ले इसे
    ये मिलन है ,तू समझ न मेरी जाना ..
    ये हमारे रूह की बात है ...

    खुबसुरत एहसास

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  8. बहुत खूब ... जुदाई की बातें ... और जुड़ा होना भी एक शुरुआत ... गज़ब का लिखा है ...

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  9. बेहद खूबसूरत रचना. आभार.
    सादर,
    डोरोथी.

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