Thursday, June 30, 2011

भंवरे

बगिये  में  भंवरे
बहुत दूर से आया करते हैं
कृष्ण तन होता है लेकिन निर्मल 
मन वो रहते हैं 

देखो न ,
तभी तो शहद कितना मधुर हुआ करता है

बेरहम मौसम के प्रहारों से 
वो पुष्प तो मुरझा जाते हैं

पर वे कृष्ण काय भंवरे उसकी
खुशबू को जिंदा रखते हैं ...

4 comments:

  1. मि‍त्र भंवरे शहद नहीं बनाते। ये काम मधुमक्‍ि‍खयां करती हैं।

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  2. आपकी इस उत्कृष्ट प्रवि्ष्टी की चर्चा कल शुक्रवार के चर्चा मंच पर भी की गई है!
    यदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल उद्देश्य से दी जा रही है!

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