Thursday, March 15, 2012

हम गाये जायेंगे सदा ,किसी दीवाने के अंदाजो में

पल पल तेरे  ख्वाब में डूबूं ,तू मुखरे पर उतर   जाती है 
जब भी डसती है ज़िन्दगी  ,तू आंसूं  बन बिखर  जाती है 

रखता  हूँ न शिकवा  कोई ,न कोई शिकायत बाकी है 
दो पल जो तुने दिए ,उनकी ही इनायत काफी हैं 

तेरी कहानी शहर की है ,हम गाँव देहात की हसती हैं 
तेरे सपने अब मेरे हैं ,तू  ही मन में मेरी बसती है 

वो ऊपर वाला मुंसिफ है ,रहमत है उसकी ही हम पर  
होगी पूरी अपनी कहानी ,जो लिखे थे दिल की  कागज़ पर 

एक दिन फिर जुड़ेंगे लफ़्ज़ों से ,तू  गम में होना अधीर नहीं 
नगमो में दुआएं होंगी अब , अब  इनके सिवा  पीर नहीं 

रहेगी रूह जिंदा हरदम ,इन चंद  दिल के अल्फाजों में 
हम गाये जायेंगे सदा ,किसी दीवाने  के अंदाजो में 








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