Saturday, March 31, 2012

तेरे लिए हरदम अपना दरवाजा खुला रखा है

हर किसी को कोई ना कोई बात का नशा है
ज़िन्दगी में आके कोई ज़िन्दगी से कहाँ बचा है

जब भी कोशिशों के संमुन्दर में डूब कर देखा
दूर फलक का चाँद बादलों में छुपा दिखा है

इस शहर में दिन ढलते ही मयकदे का शोर है
अब दीवानों को मुहब्बत का सजा मिलता है

रूठ कर गए हमसे ,ये बात बेमानी लगती है
अब भी जब ग़ज़ल में तुम्हारा नाम लिखा है

ख्वाब में आ जाओ गर ज़माने का डर है "नील"
तेरे लिए हरदम अपना दरवाजा खुला रखा है

कल हो न हों इस दुनिया में ...

काफिला हमेशा है साथ मेरे 
कुछ सुनहरे हमदर्द लफ़्ज़ों का.. 
हूँ अकेला नहीं कभी शायर 
शुक्रगुज़ार हूँ  मैं खुदगर्जों का ...

एहसासों से बस रिश्ता है 
बस मांगूं इनको ही रब से.. 
हर मोड़ से गुजरते हुए 
 उम्मीद रखूँ मैं बस इनसे... 

मोल करे कोई क्या इनका 
ये धड़कन की आवाज़ हैं 
हर पल हर लम्हे हैं मौजूद
यही ज़िन्दगी का राज़ हैं ..

यही तो वो हमसाये हैं  
जो परिंदों की जुबानी सुन लेते हैं 
नज़रों की इनायत को लेकर 
ये दिल की कहानी बुन देते हैं ...

हर रिश्ते खो जायेंगे 
ये रहेंगे मगर मौजूद यहाँ 
कल हो न हों इस दुनिया में 
यही होंगे हमारे वजूद यहाँ ...









Sunday, March 18, 2012

गर नशा उनका है तो फिर मैं शराबी हूँ

गर नशा उनका है तो फिर मैं शराबी हूँ
मुहब्बत के समंदर का सच्चा जहाजी हूँ  

अगर तुम ज़ुल्म का ये शरियत चलाओगे 
तो मैं भी हूँ आज़ाद,मैं भी एक बागी हूँ 

तुम फूलों से जुल्फों को सजा लेना मगर
ये जान लो सनम मैं उनका ही डाली हूँ  

सब मौत जीते हैं ,हमने ज़िन्दगी जी है 
क्या इसलिए आज उनका अपराधी हूँ 

हमने किसी के लिए पूरी चाहत लुटा दी  
मगर लोग कहते हैं मैं हाज़िर जवाबी हूँ 

दैर -ओ -हरम जाने की ख्वाइश नहीं  रखता
मैं तो बस सुर लय ताल का एक नमाज़ी हूँ











Saturday, March 17, 2012

kaise bhulun wo pal

rab se tujhe hi maangu aur kya sapna hai !!                                                                      
saara jahaan chod chalun tu hi to apna hai !!                                                                                                     


teri wo pyaari hansi tera wo samjhaana                                                          
raahon me bhatakun to tera wo aa jaana ....
kaise bhulun wo pal ,kaise dil ko rokun                                                                   
 iski to aadat hai,ye  to dhadakta hai !!                                                              

kahin to hoga wo mod jab fir hum tum mile                                                          
koi shikaayat na ho,na ho koi gile........                                                                 

apni manjil to hai tere pyaar ka dar,        
 agar kahin hai rab to maangu  teri mehar

tu jo aan mile to yahaan fool khile
 nadiyon ka ho raag,kadamon ko lehren choome

aur nahi jo tum to gam ka pehra hai....

rab se tujhe hi maangu aur kya sapna hai !!                                                          
 saara jahaan chod chalun tu hi to apna hai !!    

Thursday, March 15, 2012

हम गाये जायेंगे सदा ,किसी दीवाने के अंदाजो में

पल पल तेरे  ख्वाब में डूबूं ,तू मुखरे पर उतर   जाती है 
जब भी डसती है ज़िन्दगी  ,तू आंसूं  बन बिखर  जाती है 

रखता  हूँ न शिकवा  कोई ,न कोई शिकायत बाकी है 
दो पल जो तुने दिए ,उनकी ही इनायत काफी हैं 

तेरी कहानी शहर की है ,हम गाँव देहात की हसती हैं 
तेरे सपने अब मेरे हैं ,तू  ही मन में मेरी बसती है 

वो ऊपर वाला मुंसिफ है ,रहमत है उसकी ही हम पर  
होगी पूरी अपनी कहानी ,जो लिखे थे दिल की  कागज़ पर 

एक दिन फिर जुड़ेंगे लफ़्ज़ों से ,तू  गम में होना अधीर नहीं 
नगमो में दुआएं होंगी अब , अब  इनके सिवा  पीर नहीं 

रहेगी रूह जिंदा हरदम ,इन चंद  दिल के अल्फाजों में 
हम गाये जायेंगे सदा ,किसी दीवाने  के अंदाजो में 








Friday, March 9, 2012

अनंत आकाश को छू आओ



Flowers are saying to rise
take a walk,open your eyes

the horizon is red and turning white
you also listen your heart
and give it a flight

the flight to dreams,with the thrust of the good luck
let us catch those beams,with trust of the hard work



almighty and the mother both are there
you also start, for what do you fear

make a song,sing a song
adapt the right ,avoid the wrong

let the day prosper on a high
truth will win and no place for lie..
so open your eye,open your eye
my dear friends, let's touch the sky

let's touch the sky.





फूलों ने कहा की जाग जाओ
भ्रमण पे निकालो ,पलकें उठाओ

क्षितिज रक्तिम है श्वेत में हो रहा परिवर्तित
तुम भी सुनो दिल की धुन और उसे दो उड़ान ,न हो व्यथित


उड़ान दो सपनो को सौभाग्य के प्रबल योग से
किरणों को समेट लो ,अपने इच्छाशक्ति के सतत प्रयोग से


प्रभु और माँ जब दोनों तुम्हारे साथ हैं
तो फिर शुभ आरंभ करो ,भय की क्या बात है

एक सरगम बनाओ,एक गीत सुनाओ
सत्य की शरण लो, असत से दूर जाओ


ये दिन संपन्न हो एक उत्तम अंत के साथ


सत्य की जय हो ,और न रहे असत्य की काली रात

तो अपने पलकें उठाओ ,पलकें उठाओ
चलो हमसफ़र ,अनंत आकाश को छू आओ

जाओ,अनंत आकाश को छू आओ







Thursday, March 1, 2012

चिड़िया

कितनी  प्यारी लगती चिड़िया
तिनका तिनका बिनती चिड़िया!!

भोर के पहली किरणों के संग
चीटर चीटर  चहकती चिड़िया !!

चूजों  के निवाले  के खातिर
दाना दाना चुनती चिड़िया !!


सुबह शाम घर   आँगन   में 
फुदक फुदक  टहलती  चिड़िया!!

देखा है तूफानी रातों में 
दुबके दुबके  रहती चिड़िया!!

वन उपवन को यूँ न काटो
सहमे सहमे कहती चिड़िया!! 

दया भाव हम इंसानों में 
चहक चहक भरती चिड़िया !!

कितनी  प्यारी लगती चिड़िया!!
कितनी  प्यारी लगती चिड़िया!!





























मेरी जुस्तजू पर और सितम नहीं करिए अब

मेरी जुस्तजू पर और सितम नहीं करिए अब बहुत चला सफ़र में,ज़रा आप भी चलिए अब  आसमानी उजाले में खो कर रूह से दूर न हो चलिए ,दिल के गलियारे में ...