Saturday, May 7, 2016

मेरी ये नज़्म


हैं पूछते सवाल, पर जवाब नहीं हो !
आसमाँ तो चाहिए ,आफताब नहीं हो ?

ये कोयल की कूकें,और बया की काविश
क्यों हमें भी  ए  खुदा, पायाब नहीं हो

जल जाती है फानूस सी मेरी ये नज़्म ,
जो "नील लिख" दूँ,खराब नहीं हो !


2 comments:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" रविवार 08 मई 2016 को लिंक की जाएगी............... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!

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