Monday, April 10, 2017

जो आईना सा है

किस बात से खफा थे सब ,ये मालूम है
मैं अकेला और पीछा करता हुजूम है

खामोश है मेरी तरह जो बीते कल की तरह ,
जो आईना सा है मेरा ,वो ही मासूम है

दो बूँद माँगता था वो  ,पर जिंदगी की दोस्त
दे दी आपने क्या शोहरत,क्या वो मज़लूम है ?

देखेंगे हम ,है अभी कयामत का वक्त दूर ,
कौन हैँ  मायूस और किनकी धूम है

Saturday, April 8, 2017

आवाज

हर नजर में है बेचैनी ,हर नजर का इशारा भी ,
ये  कहते  हैँ  मैं उनका हूँ ,वो कहते हैँ हमारा भी

जिस राह की कहानी तुमको अभी सुननी है ,
उस राह पर वो चला भी ,उस राह पर हारा भी

सुनते हो ,सुनाते हो ,आवाज का शहर है ,
इक बार कभी सोचो ,तुम्हे हमने पुकारा भी

Saturday, April 1, 2017

चासनी !!

चासनी बेचने वाला अब दिखाई नहीं देता 
उसे नीम चखाने की आदत लग गयी थी 

अब दूकान पर चींटियों का बसेरा है!

मेरी जुस्तजू पर और सितम नहीं करिए अब

मेरी जुस्तजू पर और सितम नहीं करिए अब बहुत चला सफ़र में,ज़रा आप भी चलिए अब  आसमानी उजाले में खो कर रूह से दूर न हो चलिए ,दिल के गलियारे में ...