Wednesday, May 1, 2019

निशाँ छोड़े जाएंगे


जहां  रब  ले  जाए  ,चले  जायेंगे  ...
दीवाने  हैं ,वादा  ज़रूर  निभायेंगे
मिली  मंजिल  तो  ठीक  ,उसकी  मर्ज़ी ,
न मिली तो  राहों पर सच्चे  निशाँ छोड़े  जाएंगे

मेरी जुस्तजू पर और सितम नहीं करिए अब

मेरी जुस्तजू पर और सितम नहीं करिए अब बहुत चला सफ़र में,ज़रा आप भी चलिए अब  आसमानी उजाले में खो कर रूह से दूर न हो चलिए ,दिल के गलियारे में ...