Wednesday, April 1, 2020

खामोशियाँ आती हैं अक्सर

खामोशियाँ  आती  हैं  अक्सर 
कुछ  यादों  के  संग
चलो  हम  भी  महफ़िल  में  आयें 
दुआओं और फरियादों  के  संग

इन  खामोश  आवाजों की धुन  को  
तुम  भी  सुन  लो  न राही 
रह  जायेगी  बस  तन्हाइयां ही 
कुछ  पुरे अधूरे  वादों  के  संग

कुछ  टूटते हुए
ख़्वाबों  के  दरमियान
कुछ  अपनी  
और कुछ  तुम्हारी खुशियाँ

अफसाना  है  एहसासों  का 
अपने  नेक  इरादों  के  संग

अपने   नेक  इरादों  के  संग 

मेरी जुस्तजू पर और सितम नहीं करिए अब

मेरी जुस्तजू पर और सितम नहीं करिए अब बहुत चला सफ़र में,ज़रा आप भी चलिए अब  आसमानी उजाले में खो कर रूह से दूर न हो चलिए ,दिल के गलियारे में ...