हे कृष्ण गोविन्द गिरिधर मुरारी
जो हम है वो कृपा तुम्हारी!!
तुने ही आब-ओ -दाना दिया है
तू ही तो है इक पालनहारी!!
गुरबत्त में बस एक तू ही सखा है
ए नाथ ! तेरे बहुत हैं आभारी!!
चले हम सूरज की ओर हमेशा
जो हम है वो कृपा तुम्हारी!!
तुने ही आब-ओ -दाना दिया है
तू ही तो है इक पालनहारी!!
गुरबत्त में बस एक तू ही सखा है
ए नाथ ! तेरे बहुत हैं आभारी!!
क्रोध ,अहमादि से बचाना
तू ही है दाता ,हम है भिखारी!!चले हम सूरज की ओर हमेशा
मन बने निर्मल और अविकारी
करुणा करना हे करुणा निधि
हे द्वारिकापति रास बिहारी !!
मन मंदिर में बस जा केशव
लाज बचाना सदा हमारी !!
हे कृष्ण गोविन्द गिरिधर मुरारी
जो हम है वो कृपा तुम्हारी...
मन मंदिर में बस जा केशव
ReplyDeleteलाज बचाना सदा हमारी !!
-हमारी भी यही प्रार्थना है!
प्रभू चरणों में वंदन है हमारा भी .... बहुत ही सुन्दर अनुभूति ...
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर अनुभूति .
ReplyDeleteपूरी ब्लॉग बुलेटिन टीम की ओर से आप सभी को श्री कृष्णजन्माष्टमी की हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनाएँ !
ReplyDeleteब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन कृष्ण जन्म सबकी अंतरात्मा में हो मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
करुणा करना हे करुणा निधि
हे द्वारिकापति रास बिहारी !!
सुंदर काव्य-प्रयास
मंगलकामनाएं !