तेरे न टिमटिमाने को
को न समझूंगा तेरा न होना
बादलों में होड़ होगी तुझे
देखने की तो
मेरे भोले मन को क्यों रोना
चांदनी रात में तेरे टिमटिमाने को
मैं नहीं भूलूंगा
की चाँदनी तो कुछ दिन के लिए
होती है मेरे साथ
तू मुझे हमेशा मुझे मुस्कुराना
सिखाता रहता है
रात को तू टिमटिमाता है
मेरे दूर के तारे
और सूरज तेरा दोस्त
तेरी कमी को
सवेरे पूरा करता रहता है
तू बहुत उदार है मेरे तारे
तुझे बचपन से देखता आ रहा हूँ
तू टिमटिम करे या नहीं
सूरज की लाली मेरे मन के बंजर
का करता है नित्य सिंचन
सूरज अपनी लाली से
काली रात्री के भय से
मुझे मुक्त कर मेरे कल
का करता है नव सृजन
शायद कल मैं तुझसे बहुत दूर
हो जाऊं
शायद तुझे क्या सूरज को भी
देखने को तरस जाऊं
पर तेरा वो रोज़ टिमटिमाना
मुझे इंगित करता रहेगा
कि तू हमेशा मुस्कुराता है
और तेरी मुस्कराहट
अमावस की रात को
और भी बढ़ जाती है ...
और मुझे संबल देती है मेरे जीवन
के आने वाले संघर्ष के लिए...
ओ दूर से टिमटिमाने वाले तारे
तेरे न टिमटिमाने को
को न समझूंगा तेरा न होना ..
को न समझूंगा तेरा न होना
बादलों में होड़ होगी तुझे
देखने की तो
मेरे भोले मन को क्यों रोना
चांदनी रात में तेरे टिमटिमाने को
मैं नहीं भूलूंगा
की चाँदनी तो कुछ दिन के लिए
होती है मेरे साथ
तू मुझे हमेशा मुझे मुस्कुराना
सिखाता रहता है
रात को तू टिमटिमाता है
मेरे दूर के तारे
और सूरज तेरा दोस्त
तेरी कमी को
सवेरे पूरा करता रहता है
तू बहुत उदार है मेरे तारे
तुझे बचपन से देखता आ रहा हूँ
तू टिमटिम करे या नहीं
सूरज की लाली मेरे मन के बंजर
का करता है नित्य सिंचन
सूरज अपनी लाली से
काली रात्री के भय से
मुझे मुक्त कर मेरे कल
का करता है नव सृजन
शायद कल मैं तुझसे बहुत दूर
हो जाऊं
शायद तुझे क्या सूरज को भी
देखने को तरस जाऊं
पर तेरा वो रोज़ टिमटिमाना
मुझे इंगित करता रहेगा
कि तू हमेशा मुस्कुराता है
और तेरी मुस्कराहट
अमावस की रात को
और भी बढ़ जाती है ...
और मुझे संबल देती है मेरे जीवन
के आने वाले संघर्ष के लिए...
ओ दूर से टिमटिमाने वाले तारे
तेरे न टिमटिमाने को
को न समझूंगा तेरा न होना ..
आपकी रचनाओं में कमाल का आकर्षण है औत गहरे अर्थ हैं
ReplyDeletesaadar ,bahut shukriya rashmi ji
ReplyDeleteaapke sneh ke liye aabhaari hoon