बेआवाज है ,बेचेहरा भी है
नज़रों पर अपने पहरा भी है
एक भी पत्थर तो दीखते नहीं ,
कहने को ज़ख्म गहरा भी है
ये तो गीतों पर है गुनाह
वो गाता भी है ,बहरा भी है
"नील" गगन सर पर है अगर
हल्का सुनहरा सहरा भी है
गौरवशाली है ये धरती हम करते हैं इससे प्यार दिल को दिल से जोड़ना सिखाये हमारा प्यारा ये बिहार हम अलग भले हों यारों एक हमारा भारत है मिलकर हम सबको रहना है देश को इसकी जरूरत है....जय बिहार...जय भारत
बेआवाज है ,बेचेहरा भी है
नज़रों पर अपने पहरा भी है
एक भी पत्थर तो दीखते नहीं ,
कहने को ज़ख्म गहरा भी है
ये तो गीतों पर है गुनाह
वो गाता भी है ,बहरा भी है
"नील" गगन सर पर है अगर
हल्का सुनहरा सहरा भी है
मेरी जुस्तजू पर और सितम नहीं करिए अब बहुत चला सफ़र में,ज़रा आप भी चलिए अब आसमानी उजाले में खो कर रूह से दूर न हो चलिए ,दिल के गलियारे में ...