कल रात चमकते मोती दिखे
खुले संदूक में छोर गया था मेहरबान
नींद टूटी तो खिड़की के शीशे पर ओस चमका सूरज हंस रहा था !!
गौरवशाली है ये धरती हम करते हैं इससे प्यार दिल को दिल से जोड़ना सिखाये हमारा प्यारा ये बिहार हम अलग भले हों यारों एक हमारा भारत है मिलकर हम सबको रहना है देश को इसकी जरूरत है....जय बिहार...जय भारत
मेरी जुस्तजू पर और सितम नहीं करिए अब बहुत चला सफ़र में,ज़रा आप भी चलिए अब आसमानी उजाले में खो कर रूह से दूर न हो चलिए ,दिल के गलियारे में ...
वाह क्या बात है ... नव वर्ष होगा ... मुबारक हो ....
ReplyDeleteaapka dhanyvaad
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