एक सा नहीं दिखता चेहरा हर आईने में
पाया है रंग और भी गहरा हर आईने में
रोको नहीं सफर कि सहरा बहुत बड़ा है ,
देखा किया बहुत है ,पहरा हर आईने में
वो टुकड़ा तुम्हारे दर्श में ही,होगा कहीं छुपा
नादाँ हो ढूंढते हो वही टुकड़ा हर आईने में
गौरवशाली है ये धरती हम करते हैं इससे प्यार दिल को दिल से जोड़ना सिखाये हमारा प्यारा ये बिहार हम अलग भले हों यारों एक हमारा भारत है मिलकर हम सबको रहना है देश को इसकी जरूरत है....जय बिहार...जय भारत
एक सा नहीं दिखता चेहरा हर आईने में
पाया है रंग और भी गहरा हर आईने में
रोको नहीं सफर कि सहरा बहुत बड़ा है ,
देखा किया बहुत है ,पहरा हर आईने में
वो टुकड़ा तुम्हारे दर्श में ही,होगा कहीं छुपा
नादाँ हो ढूंढते हो वही टुकड़ा हर आईने में
ए ज़िन्दगी तुझे देख कर आवाक रह गए,
उम्मीद ,ऐतवार , बस पोशाक रह गये
जो आफताब था वो दहकता रहा,
जो चराग़ थे ,वो यहाँ खाक रह गये
जब क़ोई संजीदगी ढूँढ़ने चले,
हर मोड़ पे जाने क्या मज़ाक रह गये
कूचे से तेरी जिंदगी लौटे सादा दिल,
खातिर में तेरे तेज़ और चालाक रह गये
हाँ जोर तोड़ सब रहे तुझको मनाने को ,
ताक पर लेकिन यहाँ इख़लाक़ रह गये
मेरी जुस्तजू पर और सितम नहीं करिए अब बहुत चला सफ़र में,ज़रा आप भी चलिए अब आसमानी उजाले में खो कर रूह से दूर न हो चलिए ,दिल के गलियारे में ...