Friday, August 26, 2011

अभिषेक

धरती पर आते  सूर्य किरणों का  प्रथम आवेग हूँ मैं 
रन क्षेत्र में डटे हुए किसी क्षत्रिय का तेज हूँ मैं 
लहरों  से लरते   हुए एक  नाविक का विवेक हूँ मैं 
पत्ते   से गिरते बूंदों से   माटी  का अभिषेक हूँ मैं 

किसी  कवि की  लेखनी  का पहला आलेख हूँ मैं 
मन के मरुभूमि में साहित्य की ठंडी रेत हूँ मैं 
सृष्टि की शक्ति का एक पावन उल्लेख हूँ मैं 
बालक के मुख से  माँ की ध्वनि का अभिषेक हूँ मैं 






8 comments:

  1. अच्छा अभिषेक प्रस्तुत किया है आपने अनी रचना में।

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  2. कोमल अहसासों से भरी काव्य रचना बधाई

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  3. वाह
    बहुत ही सुन्दर्।

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  4. उम्दा प्रस्तुती!

    ईद मुबारक आप एवं आपके परिवार को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ.एक ब्लॉग सबका

    ईद पर विशेष अनमोल वचन

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  5. बहुत ही सुन्दर अहसासों से भरी काव्य रचना|

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