धरती पर आते सूर्य किरणों का प्रथम आवेग हूँ मैं
रन क्षेत्र में डटे हुए किसी क्षत्रिय का तेज हूँ मैं
लहरों से लरते हुए एक नाविक का विवेक हूँ मैं
पत्ते से गिरते बूंदों से माटी का अभिषेक हूँ मैं
किसी कवि की लेखनी का पहला आलेख हूँ मैं
मन के मरुभूमि में साहित्य की ठंडी रेत हूँ मैं
सृष्टि की शक्ति का एक पावन उल्लेख हूँ मैं
बालक के मुख से माँ की ध्वनि का अभिषेक हूँ मैं
अच्छा अभिषेक प्रस्तुत किया है आपने अनी रचना में।
ReplyDeletesreshth bhaw
ReplyDeleteकोमल अहसासों से भरी काव्य रचना बधाई
ReplyDeleteअति सुन्दर...
ReplyDeleteबधाई...
वाह
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर्।
उम्दा प्रस्तुती!
ReplyDeleteईद मुबारक आप एवं आपके परिवार को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ.एक ब्लॉग सबका
ईद पर विशेष अनमोल वचन
बहुत ही सुन्दर अहसासों से भरी काव्य रचना|
ReplyDeletesundar kavita bhaavo se bhari.
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