सावन आया या ख़्वाबों के बादल आये ,
काग़ज़ को भरने दीवाने पागल आये
हमने आज गाड़ीवानो को रुसवा किया
यारों दिलदारों से मिलने को पैदल आये
हो जाए न कोई कसूर ,महफ़िल न हो रुसवा
छुपाकर दिल में तश्वीर निकल आये
ये न कहो की मेरा अज़ीज़ भी कर गया तन्हा
यादों में साथ देने वो पल पल आये
ले के गए नील आँखों में इक तीरगी
कब हो गया जादू ,दीपक सा हम जल आये
काग़ज़ को भरने दीवाने पागल आये
हमने आज गाड़ीवानो को रुसवा किया
यारों दिलदारों से मिलने को पैदल आये
हो जाए न कोई कसूर ,महफ़िल न हो रुसवा
छुपाकर दिल में तश्वीर निकल आये
ये न कहो की मेरा अज़ीज़ भी कर गया तन्हा
यादों में साथ देने वो पल पल आये
ले के गए नील आँखों में इक तीरगी
कब हो गया जादू ,दीपक सा हम जल आये