Thursday, April 4, 2013

कुछ तो गौर करो

कुछ  समझो  ,कुछ  तो गौर करो  
कोशिश  यारों   तुम  और  करो  


लाल  न  हो  जाए  धरती  कहीं 
आओ  चम्बल  को  चित्तौड़  करो 


रास्ता  मिल जायेगा  तुमको  भी 
चलो  फिर   से  शुरू  दौर   करो 


जो  फर्क  करते  हैं  रंगों  में यारों 
तुम  उनको  न  युहीं  सिरमौर  करो 


साहिलों  पे  न  बैठ  गिनो  कश्ती 
लहरों  पे  जाकर  अब  ठौर   करो 

2 comments:

  1. रास्ता मिल जायेगा तुमको भी
    चलो फिर से शुरू दौर करो ...

    बहुत खूब ... लाजवाब शेर है इस गज़ल का ....

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