हम तो बेवस हो गए "नील "
इक अदद ज़वाब के इंतज़ार में
कभी हम अशरारों का
तो कभी चाँद का दीदार करते हैं
कोई तो आएगा जो खुश हो जाएगा
गर ना आया तो गम में ही इक
खूबसूरत ग़ज़ल तयार करते हैं
ग़ालिब होते तो कह देते कि
ये ज़वाब भी रूह के रंग के हैं "नील "
तू देख न पायेगा ...
कुछ ऐसा लिख "नील "
जो खुद -बा -खुद किसी के
रूह में उतर जाएगा ......
इक अदद ज़वाब के इंतज़ार में
कभी हम अशरारों का
तो कभी चाँद का दीदार करते हैं
कोई तो आएगा जो खुश हो जाएगा
गर ना आया तो गम में ही इक
खूबसूरत ग़ज़ल तयार करते हैं
ग़ालिब होते तो कह देते कि
ये ज़वाब भी रूह के रंग के हैं "नील "
तू देख न पायेगा ...
कुछ ऐसा लिख "नील "
जो खुद -बा -खुद किसी के
रूह में उतर जाएगा ......
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