न जियो गफ़लत में ,दिल को रौशन कर लो
नज़रों में न तुम अक्श को ढूँढा करना
दिये - बाती को मशालों से क्यूँ तौलते हो
ख्वाब सजाकर खुद को गुलशन कर लो !!
महसूस करो रूह को,उसे दर्पण कर लो!!
न बुझाओ गम -ए -चिराग मयकदा जाकर
खुशियों के नगमो में , उन्हें दफ़न कर लो !!
सिर्फ अँधेरा मिट जाए ,तुम जतन कर लो!!
तौफीक हथेली के लकीरों से नहीं मिलती "नील"
कोशिशें आज दिल-ओ-जान से दफतन कर लो !!
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