राहों के दौरान आये गये
सुर फिर वही सब सुनाये गये
कैद -ए - मशक़्क़त तो था ही लिखा
जिरह से क्यूँ भरमाये गये
ए फनकार तेरे लब से कभी
मेरे गीत क्यों न गाये गये
बच्चे बहुत जल्द सो जाते हैं
बहुत देर से फिर जगाये गये
उन्हें लग रहा था कि हैं संग संग
मगर साथ तो सिर्फ साये गये
नहीं तीरगी की कर गुफ़्तुगू
सितम रोशनी में भी ढाये गये
हुये दफ्न जाकर अदालत में वो
जो हादसों से जलाये गये
"नील" आसमाँ के सितारे बहुत
अज़ीज़ इस जमीं में मिलाये गये
बहुत सुंदर।
ReplyDeleteसादर नमन।
आपका बहुत धन्यवाद
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