किस तरह से खुदी को अर्जमंद कीजे
वक़्त के वास्ते उसे कैसे पाबन्द कीजे
आईये पूछ कर कोई बात खेल बंद कीजे ,
आपका है ख्याल -ओ -ख्वाब आपकी सीरत ,
ठुकरायें या कि अब पसंद कीजे
इस तरह गिरियाँ न गिराओ यारा ,
फ़िराक आये कभी तो जी बुलंद कीजे
हो वफाओं पे अना का क्यूँ जोर-ओ -सितम
जान को ज़रा सा अपने होशमंद कीजे
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फिराक : जुदाई
गिरियाँ :अश्क ,आंसू
अना : ग़ुरूर
सीरत - चरित्र
अर्थ सहित खूबसूरत गज़ल
ReplyDeletebahut aabhaar anju ji
ReplyDeletethanku