आये धनुक जाने पर ,ऎसे बरस के देख
इक बार बदरे की तरह से तरस के देख
मत पूछ कि पत्ते बहुत ही बेआवाज़ हैँ ,
रुक जा कहीं और फिर जलवे नफस के देख
देखना अंदाज़ ओ अदा फिर और फैसला
उससे ज़रा पहले मुद्दे बहस के देख
गौरवशाली है ये धरती हम करते हैं इससे प्यार दिल को दिल से जोड़ना सिखाये हमारा प्यारा ये बिहार हम अलग भले हों यारों एक हमारा भारत है मिलकर हम सबको रहना है देश को इसकी जरूरत है....जय बिहार...जय भारत
आये धनुक जाने पर ,ऎसे बरस के देख
इक बार बदरे की तरह से तरस के देख
मत पूछ कि पत्ते बहुत ही बेआवाज़ हैँ ,
रुक जा कहीं और फिर जलवे नफस के देख
देखना अंदाज़ ओ अदा फिर और फैसला
उससे ज़रा पहले मुद्दे बहस के देख
सूख रही है ज़मीं ,और शज़र हो जाये
और भी ख्वाईश ,हासिल घर हो जाये
मुझसे बेहतर जान लेते ,मुझसे ही सुनकर
मैं भी हो जाता नया सा ,ये खबर हो जाये
जाने किस आवाज से वो हो जाएगा ख़ामोश ,
जाने किस एहसास से वो नामाबर हो जाये
आपको मालूम है हर पल है खुद से जंग ,
फिर भी तसल्ली को खुद में समर हो जाये
इक रँग का इख्तियार ,इक रँग का गुरूर
कल जाने वो तश्वीर रास आये ,न आये
तश्वीर सौंपता है साहिल के रेत को
सोचे है ये कि लहर पास आये न आये
मेरी जुस्तजू पर और सितम नहीं करिए अब बहुत चला सफ़र में,ज़रा आप भी चलिए अब आसमानी उजाले में खो कर रूह से दूर न हो चलिए ,दिल के गलियारे में ...