गौरवशाली है ये धरती हम करते हैं इससे प्यार दिल को दिल से जोड़ना सिखाये हमारा प्यारा ये बिहार हम अलग भले हों यारों एक हमारा भारत है मिलकर हम सबको रहना है देश को इसकी जरूरत है....जय बिहार...जय भारत
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मेरी जुस्तजू पर और सितम नहीं करिए अब
मेरी जुस्तजू पर और सितम नहीं करिए अब बहुत चला सफ़र में,ज़रा आप भी चलिए अब आसमानी उजाले में खो कर रूह से दूर न हो चलिए ,दिल के गलियारे में ...
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मेरी जुस्तजू पर और सितम नहीं करिए अब बहुत चला सफ़र में,ज़रा आप भी चलिए अब आसमानी उजाले में खो कर रूह से दूर न हो चलिए ,दिल के गलियारे में ...
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दलील क्या है ?,थाह ले कर देख लो ! हक में कुछ गवाह ? ले कर देख लो ! हो गयी है राह पथरीली मगर .. राह की भी राह ,ले कर देख लो है वही पेड़ था झ...
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निशा निमंत्रण लेकर चन्दा , छत पर मेरे आया है सपनो में था खोया मैं ,उसने आकर मुझे जगाया है ठंडी ठंडी हवा चल रही ,रिमझिम...
जय मां हाटेशवरी...
ReplyDeleteअनेक रचनाएं पढ़ी...
पर आप की रचना पसंद आयी...
हम चाहते हैं इसे अधिक से अधिक लोग पढ़ें...
इस लिये आप की रचना...
दिनांक 07/06/2016 को
पांच लिंकों का आनंद
पर लिंक की गयी है...
इस प्रस्तुति में आप भी सादर आमंत्रित है।
Aapka dhanyvaad
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