बहके हुए ज़ज़्बात ले कर ,आए हो मिलने
कभी सुबह कभी रात ले कर ,आए हो मिलने
मैं सुबह की धूप में था मुंतजिर तेरा ,
जुगनू की ये बारात ले कर ,आए हो मिलने
तिनको की कीमत आप पंछी से पूछ लो ,
तूफ़ान की जो बात ले कर ,आए हो मिलने
करते थे बारहा तुम दरिया का जिक्र "नील "
इक ओस की औक़ात ले कर ,आए हो मिलने
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