अजनबी कारवां के वास्ते रात जग के काटी है
चाँद से गुफ्तगू करके ख़्वाबों को भी बांटी है
जब सूरज निकल आया तो कोई हमको जगाता क्यूँ नहीं
गौरवशाली है ये धरती हम करते हैं इससे प्यार दिल को दिल से जोड़ना सिखाये हमारा प्यारा ये बिहार हम अलग भले हों यारों एक हमारा भारत है मिलकर हम सबको रहना है देश को इसकी जरूरत है....जय बिहार...जय भारत
मेरी जुस्तजू पर और सितम नहीं करिए अब बहुत चला सफ़र में,ज़रा आप भी चलिए अब आसमानी उजाले में खो कर रूह से दूर न हो चलिए ,दिल के गलियारे में ...
bhaut hi acchi....
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