Sunday, December 29, 2019

बस उसी प्यार से

तोहफा दिया बस ,आपके नज़र में आ गये
जैसे कि अजनबी हमारे घर में आ गये

इक दाद की उम्मीद ही नज़्म हो गयी
अशरार खुद ब खुद ही बहर में आ गये

ये हादसा ही है ,कि अब जायेंगे किधर
जो बाज़ के लहज़े कबूतर में आ गये

चलते रहे जिस तरह घर के आँगन में,
बस उसी प्यार से दफ्तर में आ गये

हर बार रहबर की तरह से मिला था "नील"
हर बार हम सय्याद  के पिंजर में आ गये

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