Wednesday, January 1, 2020

तिनके-तिनके में छुपी है मोहब्बत राही


अदावत में कभी पत्थर न उठाया करना
एक पल में अपनों को न पराया करना !!

रहते हैं ख़ार ज्यूँ गुलाबों के हमनशीं हो कर
दिल में दर्दों को वैसे ही छुपाया करना !!

तिनके-तिनके में छुपी है मोहब्बत राही
बुलबुल के घरौंदे को न मिटाया करना !!

तश्नगी आसमां की और कोशिशें चुल्लू भर
ख्वाब डूब जायेंगे ,अश्क न बहाया करना !!

शाख इक टूट भी जाए तो गुल खिलता है
भूल कर गम तेरे ,बस इश्क निभाया करना !!

तुम मशालों को चिरागों से क्या तौलते हो
खतम होगा अँधेरा ,इक शम्मा जलाया करना !!

गुलशन महक जाते हैं जैसे गुल से "नील"
रूह को तुम भी ख़्वाबों से सजाया करना!!

1 comment:

  1. नमस्ते,

    आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" में गुरुवार 02 जनवरी 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

    1630...कुछ ऊबड़-खाबड़ लिखा जाता है सामाजिक विषमताओं के घने अंधेरों पर...


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