तिनके तिनके बिखरे गए रात तूफ़ान में
जो उसने बिने थे उस आँगन से ...
सहमी गौरैया देख रही है उन्हें जलवान बनते ....
गौरवशाली है ये धरती हम करते हैं इससे प्यार दिल को दिल से जोड़ना सिखाये हमारा प्यारा ये बिहार हम अलग भले हों यारों एक हमारा भारत है मिलकर हम सबको रहना है देश को इसकी जरूरत है....जय बिहार...जय भारत
मेरी जुस्तजू पर और सितम नहीं करिए अब बहुत चला सफ़र में,ज़रा आप भी चलिए अब आसमानी उजाले में खो कर रूह से दूर न हो चलिए ,दिल के गलियारे में ...
समयक्रम का एक ठिठका लम्हा
ReplyDeleterashmi ji aapka bahut aabhaari hoon
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