Thursday, November 1, 2012

ए "नील" उन्हें कभी भुला ना पायेंगे !

मोहब्बत बेहिसाब किया है उन्होंने 
लफ़्ज़ों को किताब किया है उन्होंने !!

प्याला खारिज है और  बादाह नदारद 
कायदे से हिसाब किया है उन्होंने !!

जागना पहले और सोना बाद में 
ये कैसा बर्ताब किया है उन्होंने!! 

बच्चों को खिला कर सुलाने की खातिर 

अपने खून को आब किया है उन्होंने 

जब भी हाल-ए -दिल पुछा है हमने 
हरदम हिजाब किया है उन्होंने !!



शायरी पर अब लोग कहा करते हैं 
कि  तुमको खराब किया है उन्होंने !!

जो भी हो,हम तो मुरझा ही  गए थे 
प्यार से शादाब किया है उन्होंने !!

उनके तसव्वुर से ही चहक उठते हैं 
इस तरह  शबाब किया है उन्होंने !!

ए "नील" उन्हें कभी भुला ना पायेंगे 
एक अदने को नायाब किया है उन्होंने !!









1 comment:

  1. बहुत आभार मयंक दा
    आपको भी बहुत बधाई

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