रास्ता आवाज दे ,और है वो मंजिल ,मुन्तज़िर ,
किस तरह लहर का होता है साहिल मुन्तज़िर
अब शज़र से बात कर ले पंछी भूल आसमान
एक एक पत्तों के दामन में शामिल मुन्तज़िर
हर तरफ मेला लगा है ,है बहुत सब आस में ,
याँ वो ज़ाहिल मुन्तज़िर वहाँ वो फाजिल मुन्तज़िर
ये कीसी ने सच कहा था शायद हो गयी इक सदी
हर जगह तेरे लिए है तेरा हासिल मुन्तज़िर
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