Wednesday, January 15, 2020

हासिल नहीं जो चीज उसका क्या भरम

इस अजनबी बाजार में ख्वाब देखिये
 बोझिल हुये  सवालों के  जबाब देखिये

मोड़ पे खड़े हैं लिजे राह का भी ठौर
ये शेर नापसंद तो किताब देखिये

गुणा -भाग , जोड़ और घटाव चारो ओर
अजी भूल कर अपने हर हिसाब देखिये

सुकून हैरानी कभी इधर कभी उधर
हम देखें आपको हमें जनाब देखिये

कभी देखिये मिठास के दरमियाँ रकीब
कभी नोक झोक में अहबाब देखिये

है कसक मगर ये मेरे घर की बात है
यकीं न हो तो फिर   इज़्तिराब  देखिये

कोयल की काहिली और पहाड़ सा है  जुर्म
गर चिंटियाँ करेंगी इंकीलाब देखिये

हासिल  नहीं जो चीज उसका क्या भरम
जो चीज "नील " को है पायाब देखिये


12 comments:

  1. नमस्ते,

    आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" में गुरुवार 16 जनवरी 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  2. बहुत ही सुन्दर
    वाह!!!

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  3. कभी देखिये मिठास के दरमियाँ रकीब
    कभी नोक झोक में अहबाब देखिये
    बहुत खूब !!!

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  4. मोड़ पे खड़े हैं लिजे राह का भी ठौर
    ये शेर नापसंद तो किताब देखिये...
    ओहो...हो...हो...हो... क्या ख़ूब लिखा है सर, वाह।

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  5. कभी देखिये मिठास के दरमियाँ रकीब
    कभी नोक झोक में अहबाब देखिये
    ... क्या ख़ूब लिखा है

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