Saturday, January 28, 2012

तेरे जाने बाद !!


तिनका तिनका जो ख्वाब बुने थे हमने 
घोसला उम्मीदों का बना उनसे ,तेरे जाने बाद !!

मिलकर जिस बगिये को सींचा किया करते थे 
मोहब्बत के गुल हैं वहाँ खिलते ,तेरे जाने के बाद !!


है मौजूद अभी तक बरगद वहीं  पर  जाना   
पर झूला है सुना कब से, तेरे जाने के बाद !!


तेरे दिए शहद को संग रखते हैं हरदम 
हर राह गुज़र  को चखा देते , तेरे जाने बाद !!

बड़े प्यार से हमको ,तुने जो दो लफ्ज़ दिए थे  
हमसफ़र वो ही हैं  हमारे ,तेरे जाने के बाद  !!


दिल की धड़कन संग वो लफ्ज़ थिरकते हैं 
बन चुके हैं अब वो नगमे ,तेरे जाने के बाद !!



3 comments:

  1. तिनका तिनका जो ख्वाब बुने थे हमने
    घोसला उम्मीदों का बना उनसे ,तेरे जाने बाद !!बहुत खुबसूरत रचना अभिवयक्ति.........

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  2. बहुत सुन्दर,सार्थक प्रस्तुति।

    ऋतुराज वसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएँ।

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  3. बहुत सुन्दर।
    आज सरस्वती पूजा निराला जयन्ती
    और नज़ीर अकबारबादी का भी जन्मदिवस है।
    बसन्त पञ्चमी की हार्दिक शुभकामनाएँ!

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