ख्वाब मुझे जगाने आये ,
आज मुझे अपनाने आये ,
पलकों से धड़कन में समाये
रूह की सेज सजाने आये
आज मुझे अपनाने आये ,
पलकों से धड़कन में समाये
रूह की सेज सजाने आये
ख्वाब मुझे जगाने आये ...
निश्चल हैं बचपन जैसे
रब पे हों वो अर्पण जैसे
सुरमई कोई एहसास संजोये
जीवन गीत सुनाने आये
ख्वाब मुझे जगाने आये ...
गिरते शीतल झरने जैसे
सुन्दर प्यारे लम्हे जैसे
हलके हलके प्यार से चलके
मन की ज्योत जलाने आये
ख्वाब मुझे जगाने आये ...
तन्हाई में परछाई से
छंद गध्य या रुबाई से
रूहानी से मंज़र में वो
होठों को मुस्काने आये
ख्वाब मुझे जगाने आये ...
कैसी ख्वाइश किससे राबता
वक़्त का पहिया दूर भागता
फिर भी वक़्त से आँख चुराकर
चुपके चुपके सिरहाने आये
ख्वाब मुझे जगाने आये ...
ख्वाब मुझे जगाने आये ...
निश्चल हैं बचपन जैसे
रब पे हों वो अर्पण जैसे
सुरमई कोई एहसास संजोये
जीवन गीत सुनाने आये
ख्वाब मुझे जगाने आये ...
गिरते शीतल झरने जैसे
सुन्दर प्यारे लम्हे जैसे
हलके हलके प्यार से चलके
मन की ज्योत जलाने आये
ख्वाब मुझे जगाने आये ...
तन्हाई में परछाई से
छंद गध्य या रुबाई से
रूहानी से मंज़र में वो
होठों को मुस्काने आये
ख्वाब मुझे जगाने आये ...
कैसी ख्वाइश किससे राबता
वक़्त का पहिया दूर भागता
फिर भी वक़्त से आँख चुराकर
चुपके चुपके सिरहाने आये
ख्वाब मुझे जगाने आये ...
ख्वाब मुझे जगाने आये ...
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