अकेले नहीं हम साथी , इस अजनबी शहर में
अब भी है हसरतों की ,मौजूदगी शहर में !!
कुछ खुशनुमा एहसासों के किस्से ही साथ होंगे
छोड़ जायेंगे अल्हड़ सी , दीवानगी शहर में
आँगन में होगी गुफ्तगू बस तेरे ही आहटों की
भीड़ में न गुम हो जाना, उस मतलबी शहर में !!
बड़े ईमान से भेजा था ,दे पोटली बूढी माँ ने
रोटी पसीने की ले हो ,वापसी शहर में !!
कितने ही क़र्ज़ तुझको साँसों के उतारने होंगे
ऐसी इबादत करना , हो बंदगी शहर में !!
धड़कन , कदम , फिजायें सब संग हो जाएँ
रब करे तू लाये ऐसी , सादगी शहर में !!
अब भी है हसरतों की ,मौजूदगी शहर में !!
महफ़िल में मिल के सबसे ,कभी ख्वाब बाँटते थे
तनहा ख़्वाबों की हुई अब,ज़िन्दगी शहर में !!
शायद मिलन है अन्तिम,है आखिरी दुआ भी
अब महफिल सजा करेगी ,किसी और ही शहर में !!
तनहा ख़्वाबों की हुई अब,ज़िन्दगी शहर में !!
शायद मिलन है अन्तिम,है आखिरी दुआ भी
अब महफिल सजा करेगी ,किसी और ही शहर में !!
कुछ खुशनुमा एहसासों के किस्से ही साथ होंगे
छोड़ जायेंगे अल्हड़ सी , दीवानगी शहर में
आँगन में होगी गुफ्तगू बस तेरे ही आहटों की
भीड़ में न गुम हो जाना, उस मतलबी शहर में !!
बड़े ईमान से भेजा था ,दे पोटली बूढी माँ ने
रोटी पसीने की ले हो ,वापसी शहर में !!
कितने ही क़र्ज़ तुझको साँसों के उतारने होंगे
ऐसी इबादत करना , हो बंदगी शहर में !!
धड़कन , कदम , फिजायें सब संग हो जाएँ
रब करे तू लाये ऐसी , सादगी शहर में !!
"नीलांश "
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