Tuesday, April 26, 2011

भ्रस्टाचार कैसे रोकें?---1

भ्रस्टाचार कैसे रोकें?
 इससे पहले ये अवगत होना आवश्यक है की इसका बीज कहाँ से उत्पन्न होता है |
माँ बच्चों को घर में शिक्षा देती है मन लगाकर पढो और पिता पढने में उसकी मदद करते हैं | विद्यालय में ये शिक्षा  दी जाती है की हमें अनुशाशन में रहना चाहिए | हमें बड़ों का सम्मान और छोटों  को स्नेह देना चाहिए | हमें प्रार्थना  करना सिखाया जाता है जिससे  हमारा  मन कलुषित विचारों से दूर रहे और हम अच्छे व्यवहारों को सीखे और सिखाएं  | परीक्षाएं ली जाती है जिसमे हम अपने मेहनत से उत्तीर्ण होते हैं  | अगर हर छात्र अपने पर विश्वास करे और मेहनत से अनुशाशन के साथ रहे और अपने गुरुओं की बातों को माने तो इस भ्रस्टाचार  का अंत इसके जन्म लेने से पहले ही हो जाए |


"भ्रष्टाचार के पापी बीज को हम पनपने न देंगे
 देश के दामन पर दाग हम लगने न देंगे 


कदाचार से मुक्त होगी परीक्षा 
आत्मनिर्भर बनने की इच्छा


मानसिक बल को अपने हम मरने न देंगे 
गलत दिशा में किसी को हम भटकने न देंगे "

कुछ बड़ा होने पर हम महाविद्यालयों में जाते हैं | वहाँ  अगर हम कदाचार मुक्त रहें और प्रमाण पत्र मांगे जाने के बदले में धन राशि लेने के धंधे का मिलकर विरोध करें तो ये भ्रस्टाचार युवकों के खून से बाहर   निकल जायेगी और देश का नव निर्माण हो सकेगा |

आज युवक अपने ज्ञान का दुरूपयोग कर रहे हैं | वो नए नए ठगने के तौर तरीके सिख कर दुसरे कमजोर छात्रों से पैसे लेकर परीक्षा में उनके बदले बैठते हैं और इससे मेधावी छात्रों का बहुत नुकसान  होता है, साथ ही देश के युवा खून भी मैले हो जाते हैं | आने वाली पीढ़ी क्या सीखेगी  ? इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए अभियांत्रिकी का सहयोग लेना चाहिए | हस्त लिखित प्रमाण,अंगुली चिह्न लेना,विडियो बनाना आदि |
जिस दिन ऐसी परीक्षाएं होती हैं उसी दिन अगर महाविधायालयों में भी परीक्षा रख दी जाए तो और भी अच्छा रहेगा |

महाविधालय में प्रवेश करने से पहले छात्रों का पूरा परिचय ले लेना चाहिए |
बायोमेट्रिक  कार्ड को किसी भी परीक्षा देने समय लाना आवश्यक कर देना चाहिए|
और उसके सभी डाटा को परीक्षा केंद्र में समेटने के लिए तंत्र लगाया जाना चाहिए| भारत के अभियंता और वैज्ञानिक   ऐसा करने में सक्षम हैं | बस सरकार  और परीक्षा आयोजित करने वाले संस्थान  अपना पूर्ण सहयोग दें |
जिनके पास बायोमेट्रिक कार्ड नहीं है उनंके ऊँगली चिन्ह या रेटिना को पहचान मान उनका डाटा समेट लेना चाहिए  | परीक्षा केन्द्रों परइसके लिए तंत्र लगाना चाहिए |  कुछ वक़्त जाया होगा पर मेधावी छात्रों और देश का नुकसान तो नहीं होगा |
अगर आभियांत्रिकी क्रांति से भ्रस्टाचार का समूल नाश हो सकता है तो थोड़ी परेशानी सही जा सकती है एक बेहतर भारत के लिए|

नेताओं को चुनने वक़्त हमें उनके द्वारा किये गए पिछले कार्यों पर ध्यान देना चाहिए और मत का प्रयोग सचेत होकर करना चाहिए 
अगर सरकार ठीक से वायदे नहीं निभा रही ही तब मीडिया , प्रेस , समाचार-पत्र , ब्लॉग आदि के माध्यम से उन्हें आगाह करता रहना चाहिए |

कहीं भी अगर रिश्वत मांगी जाए तो मिलकर इसका विरोध करनी चाहिए 
आखिर मेहनत से कमाते हैं रिश्वत क्यों दे और क्यों लें |
ये जान ले की कफ़न में जेब नहीं होता |

मूल्य से अधिक रुपये मांगे जाने पर इसका विरोध करें और उस दुकानदार से न ले सामान |
अगर वो  फिर भी नहीं माना तो इसका विरोध उपभोक्ता अदालत में करायें 
और बिल लेना न भूलें नहीं तो कानूनी कार्यवाही में अड़चन आ जायेगी |
जब भी हो पीड़ित का साथ दें | आवाज़ दे हम एक हैं |


मैनेजमेंट कोटा  के नाम पर लाखों लेने वाले  संस्थानों को बंद करवाने के लिए मुहीम छेड़ें | सम्पति का केन्द्रीयकरण रोकने  लिए प्रयास करें | ऐसे संस्थान मेधावी छात्रों को तो नौकरी लेने में अड़चन देते ही हैं और बड़ी बड़ी ज़मीन पर कब्ज़ा करके बैठे रहते हैं | रईसजादे दौलत के दम पर प्रवेश लेकर उनको बढ़ावा देते हैं | सरकार को इनके खिलाफ शख्त  कदम उठाना चाहिए |

कोचिंग  संस्थानों के खिलाफ भी कार्यवाही होनी चाहिए |छात्रों का मानसिक विकास अवरुद्ध होता है | उनकी नैसर्गिकता का हनन होता है |


छात्र  भारत के उच्च संस्थानों से पढ़कर विदेश में नौकरी करने चले जाते हैं |
वो यहाँ रहकर अपने स्वच्छ  विचारधारा से  भ्रस्ट हो चुके नौकरशाही से   निजात दिलाने में अग्रिम भूमिका निभा सकते हैं | उन्हें अब आगे आना होगा तभी देश से भ्रष्टाचार का नाश होगा और अगर वो यहाँ आने में सक्षम नहीं हैं तो मीडिया ,ब्लॉग आदि के द्वारा भ्रस्टाचार के विरुद्ध आवाज़ उठायें | सब एक दीप जलाएं तो क्रांति की मशाल जली रहेगी | जय हिंद | 


जल्दी पाने के होड़ में हमें गलत तरीके नहीं अपनाना होगा | सिफारिश से ली गयी नौकरी से अच्छा है हम अपने दम पर आत्न्निर्भर बने और एक उदाहरण बने दूसरों के लिए  |

न्याय मिलने में यहाँ गवाह खरीद लिए जाते हैं | हमें फास्ट ट्रैक कोर्ट से गंभीर रूप से पीड़ितों के दुःख का निवारण करना होगा | ज़ुल्म करने वालों के विरुद्ध आवाज़ उठाना होगा |कलम से वाणी से या ज़रुरत पड़ी तो कटार   से भी हमें दुष्टों को सजा देना होगा |

हम भारत के न्यायालय   का सम्मान करते हैं लेकिन मानवीय मूल्य जिसपर भारत टिका हुआ है ,जिससे इसकी पहचान है पुरे जग में ,उसका सम्मान करना होगा नहीं तो क्रान्ति होगी 
कलम से |ये लाल बहादुर का देश है , ये वीर सुभाष चन्द्र बोस का देश है ,ये कलाम ,किरण बेदी और सबरीना लाल का देश है | हम सत्य की क्रांति से दुश्मन को थर्रा सकते हैं |न्याय के लिए पूरा भारत एक है |जिस जोश के साथ जवान अपनी बन्दूक चलाते है भारत माँ की लाज बचाने के लिए..उसी जूनून के साथ हम भी अपनी कलम से,अपने सत्य क्रांति से दुष्टों के नाक में दम कर देंगे ...


"

चला अकेला ही था  वो 
वो कलम का एक सिपाही था 

प्रेमचंद या हो दिनकर 
वो शब्द-क्रांति का एक प्रहरी था 

विपत्ति  आती है जब जब 
जीवन मद्धम हो जाता है 

कलमकार शब्दों से लड़ता 
हर युद्ध जीतता जाता है 

सोये जनमानस को भी 
एक राह वही दिखलाता है 

जागृति लाता है 
और युग बदल जाता है 

ओर्विन्दो ,दिनकर ,सुब्रमण्यम के 
शब्दों ने बिगुल विप्लव की  बजायी  थी 



बिस्मिल   ने भी शब्दों से ही 


वर्तानियों    की   नींद    उडाई    थी 

वक़्त ने ललकारा है फिर  कलम धरो   
 नौजवानों   भ्रटाचार    से जूझ   पड़ो   "





सत्यमेव जयते...भारतीय एकता जिंदाबाद 















2 comments:

  1. सारी बातें विचारणीय हैं... सार्थक आलेख

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  2. मोनिका दी आपका आभार..हम सब एक हैं इस मुहीम में

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