गौरवशाली है ये धरती हम करते हैं इससे प्यार दिल को दिल से जोड़ना सिखाये हमारा प्यारा ये बिहार हम अलग भले हों यारों एक हमारा भारत है मिलकर हम सबको रहना है देश को इसकी जरूरत है....जय बिहार...जय भारत
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मेरी जुस्तजू पर और सितम नहीं करिए अब
मेरी जुस्तजू पर और सितम नहीं करिए अब बहुत चला सफ़र में,ज़रा आप भी चलिए अब आसमानी उजाले में खो कर रूह से दूर न हो चलिए ,दिल के गलियारे में ...
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मेरी जुस्तजू पर और सितम नहीं करिए अब बहुत चला सफ़र में,ज़रा आप भी चलिए अब आसमानी उजाले में खो कर रूह से दूर न हो चलिए ,दिल के गलियारे में ...
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दलील क्या है ?,थाह ले कर देख लो ! हक में कुछ गवाह ? ले कर देख लो ! हो गयी है राह पथरीली मगर .. राह की भी राह ,ले कर देख लो है वही पेड़ था झ...
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निशा निमंत्रण लेकर चन्दा , छत पर मेरे आया है सपनो में था खोया मैं ,उसने आकर मुझे जगाया है ठंडी ठंडी हवा चल रही ,रिमझिम...
आपकी बात से सहमत है बहुत सुंदर प्रस्तुति.....
ReplyDeleteवाह, सुन्दर
ReplyDeleteवाह!
ReplyDeleteबहुत बढ़िया!
waah! bhut gahri baat itne saral aur khubsurat shabdo me kah di apne...
ReplyDeletebahut khoob!! padhna behad achha laga.
ReplyDeleteshubhkamnayen