टूटे हुए प्याले
रूठे हुए पीने वाले
साकी है मौन
निहारती हुई अपने मधुशाला को
अंगूर वाली मधुलता से जिसे कभी बनाया था
मधु का दान करने के लिए ......
क्यों से
सृजन होगा
एक नयी शुरुआत का,
रूठे हुए पीने वाले
साकी है मौन
निहारती हुई अपने मधुशाला को
अंगूर वाली मधुलता से जिसे कभी बनाया था
मधु का दान करने के लिए ......
पर क्यूँ ?
क्यों से
सृजन होगा
एक नयी शुरुआत का,
उम्मीदों का संबल
विश्वास की शक्ति
और कोशिशों के सफ़र पर
माझी बनकर खुद
अपने सपनो की किश्ती में एक नयी नवेली सुबह की मंजिल पर
निकलेगी साकी
आज की रात .....
विश्वास की शक्ति
और कोशिशों के सफ़र पर
माझी बनकर खुद
अपने सपनो की किश्ती में एक नयी नवेली सुबह की मंजिल पर
निकलेगी साकी
आज की रात .....
और आयेंगे
फिर नए सपने लिए कई यात्री ...
आशा की दीपक के संग और
फिर से बनेगी एक मधुशाला ...
दूर कहीं किनारे पर.....
फिर नए सपने लिए कई यात्री ...
आशा की दीपक के संग और
फिर से बनेगी एक मधुशाला ...
दूर कहीं किनारे पर.....
फिर नए सपने लिए कई यात्री ...
ReplyDeleteआशा की दीपक के संग और
फिर से बनेगी एक मधुशाला
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बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति!