दिन भर के काम से थका हारा
पीपल के छाँव में बैठा है वो पथिक ,
ये सोचता हुआ कि
घर पर आज सोना होगा फिर से
काले आसमान के तले ,
इसलिए सुस्ता लेता है थोड़ी देर
उसके असंख्य पत्तों को
रब कि मेहर मान जो उसे पंखा झूल रहे हैं ,
क्या हुआ जो घर में बिजली नहीं है
मेहनत की है तो रब ने ये पीपल को
लहलहाया है उसके लिए ,
आज बच्चों को कहानी सुनाएगा
इस पीपल की कोई अच्छी सी ,
वो भी सिख जाएँ मेहनत का अर्थ
और जीना सिख जायें ...
bhut khubsurat shabd rachna...
ReplyDelete