Thursday, October 10, 2019

Bridge/पुल

तुम  बहुत  हो  दूर  ! ,लेकिन  ,है  कविता  का  ये  पुल  ,
तुम अलग  हो ,मैं  अलग  हूँ , एक  गीता  का  ये  पुल !

जब  कभी  अथाह  सागर  ,कर  रहा  हो  इंतजार ,
सामने  पाओगे  तुम तब  उस  विधाता  का  ये  पुल !

सब  अलग  लगने  की  कोशिश  में  यहाँ  लगे  हुए  !,
सब की  रोगों के  लिये है  ,एक  दवा •••!!! का  ये पुल

मोम  के  पुल से  सभी  के  साथ  हम  क्यूँ  बँधे  ?,
धीमी  धीमी आँच पर  है राब्ता   का  ये पुल ?

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