Tuesday, October 15, 2019

Experience/ अनुभव

ब्रह्मांड का कोई अंत नहीं है,
भले ही कलम थका हुआ हो,
सोचने का तरीका खुद एक कविता है,
अनुभव हमेशा एक गिलहरी की तरह सक्रिय होता है,
यह कभी नहीं थकता है,
दीपक तब भी जब यह अपने आखिरी कुछ क्षणों में होता है,  दूसरे दीपक
या
तेल की खोज के लिए आवश्यक है जो आत्म-प्रज्वलन के लिए आवश्यक है ,,

Their is no end to the universe ,
even if the pen is tired , the way of thinking is itself a poetry ,
The experience is always active like a squirrel , it never tired, 
The lamp even when it is in its last few moments, is  required for search for the other lamp or the oil which is needed for self  re-ignition ,,

5 comments:

  1. अनुभव हमेशा एक गिलहरी की तरह सक्रिय होता है,
    यह कभी नहीं थकता है,
    बिलकुल सही बात

    ReplyDelete
    Replies
    1. सराहना के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद

      Delete
  2. इस रचना को मंच पर डालने के लिए, मयंक दा को बहुत-बहुत धन्यवाद

    ReplyDelete
  3. गूढ़ और आत्म मंथन को प्रेरित करता सृजन ।

    ReplyDelete
    Replies
    1. आपका बहुत बहुत धन्यवाद

      Delete

मेरी जुस्तजू पर और सितम नहीं करिए अब

मेरी जुस्तजू पर और सितम नहीं करिए अब बहुत चला सफ़र में,ज़रा आप भी चलिए अब  आसमानी उजाले में खो कर रूह से दूर न हो चलिए ,दिल के गलियारे में ...