तेरे पूर्ण रूप का निर्माण कर
मैं तेरी कमियाँ देख
हतप्रभ हो गया मेरे चाँद ,
अथाह प्रयत्न किये
तेरे काले धब्बे को मिटा
तुझे निष्कलंकित बनाने की ,
पर फिर
अपने प्रयास को थाम लिया मैंने
बस तेरे लिए मेरे चाँद ,
क्योंकि
तुझे नज़र ना लगे
उन तारों की जो
मुझसे बहुत दूर हैं
और तू मेरे बहुत करीबहै मेरे चाँद ,
तुझे
अमावस की पूरी रात
मैं अपने से दूर रखता हूँ
बस तेरे लिए मेरे चाँद ,
क्योंकि
तेरे मेरे जैसे चकोर के पास रहने से
वो दिव्यमान सूरज तेरा साथ न छोर दे ..
तेरी चाँदनी मुझे प्यारी है मेरे चाँद ..
..निशांत
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